समीर- विद्युत-चुम्बकीय पर्यावरणीय प्रभाव (ई3),केंद्र विशाखापतन में आपका स्वागत है।

प्रायोगिक सूक्ष्मतरंग इलेक्ट्रॉनिकी इंजीनियरी तथा अनुसंधान संस्था (समीर) , इलेक्ट्रोनिकी और सूचना प्राद्योगीकी मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में एक अनुसंधान एवं विकास संस्थान है। इसका मुख्य उद्देश्य आरएफ/सूक्ष्मतरंग इलेक्ट्रॉनिकी, विद्युत-चुम्बकीय विज्ञान, प्रकाशकी-इलेक्ट्रॉनिकी,मिलीमीटर तरंग प्रौद्योगिक और इसके सम्बद्ध क्षेत्र में विज्ञान तथा प्रौद्योगिक के विकास को बढ़ावा देना है। समीर का प्रधान कार्यालय मुंबई में हैं और इसके केंद्र चेन्नै, कोलकाता, नवी मुंबई तथा विशाखापतनम में हैं।

समीर के अन्तर्गत विद्युत-चुम्बकीय पर्यावरणीय प्रभाव केंद्र विशाखापतनम में स्थित है। यह एमआईएल मानक 461ई/464 और एमआईएल मानक 188-125 एवं 2.ओ, के अनुसार ई3 परीक्षण की विशिष्ट सुविधाओं के साथ वर्ष 2014 से शुरु हो गया है।

समीर ई3 केंद्र अपने उद्देश्यों के अनुसरण में विद्युत-चुम्बकीय पर्यावरणीय प्रभाव (ई3) में अनुसंधान, विकास एवं मूल्यांकन करने में लगा हुआ है। ई 3 सुविधा को कई प्रकार की क्षमताओं. आरंभ से लेकर सम्पूर्ण प्रणाली स्तर तक में विशेषज्ञता प्राप्त है।